I started thinking about compiling the Year 2009, the way I saw it! The way I experienced it! But, couldn't! Just not because, I couldn't find good time to jot down all the events and happenings of the 2009; also cause I was not finding it easy to gather every moment of the Year of 365 days, x24 hours....;D
On the very last day of the Year 2009, we, all the guys of M.Sc.-Geology Batch 2006-08 of BHU, received this mail from one of our classmate, who tried to express everything happened with the Batch people poetically! He's not a learnt/proven/acclaimed poet, but he did touched our souls! It may not carry any value to anyone, but for our Batch....it did some magic! Magic of Nostalgia!
So, I thought to share this precious poem with all my net-mates! With the due help of Google Transliteration, I converted the Hindi-poem scripted in roman, into Devanagari!
जैसे ही कल का सूरज आसमान पर आएगा
बादलों से कूद कर नया साल आ जाएगा,
कुछ नयी कहानी होंगी , कुछ नयी बातें होंगी
और कुछ नयी सौगातें होंगी!
फिर से त्रिवेणी भैया अफ्रीका मैं जायेंगे
और फिर वहीँ से अपनी भोकाल सुनायेंगे,
फिर से होगी वही कहानी अफ्रीका के जंगल की
और इंडिया आकर उसे होटल ताज बताएँगे …
फिर से कोई राहुल नए साल में एक batman बन जायेगा
और कुड़ियों के hostels के दिन रात चक्कर लगाएगा,
कभी कभी कोई लड़की भी गलती से पटायेगा
लेकिन फिर ये प्यार उसे दगा दे temporary ही रह जायेगा!
फिर अनुभव orkut पर एक community बनाएगा
और news.com पर खुद सबसे पहले धरा जायेगा,
कभी गोलगप्पे के पानी में दूध का दूध पक्दायेगा (anubhav kaand, Hyderabad),
और कभी लोगो को जनता की अदालत में पेश किया जायेगा (Krishna Prakaran, bangaluru)!
फिर से कोई विडियो, BHU राजनीती में आयेगा (बहुचरिचित video प्रकरण )
और २-घंटे का video, news में छा जाएगा
आरोप - प्रत्यारोपों का चलेगा सिलसिला,
लेकिन video बनाने वाला ही धरा जायेगा!
याद रहेगा दिन वो भी जब २२-दोस्त थे साथ मिले
खुशियाँ बांटीं मिल के हमने, चेहरे सब के खिले खिले,
रात भर हम साथ में घुमे, लंका पे थे chaye पिए
वो दिन महान convocation का था, ना जाने अब कब मिले!
विनोद भैया ने रचाई शादी, इस साल फिर कुछ रचाएंगे
और लक्की भाभी जी को लेकर अपना करियर मस्त बनाएगा,
हर सफलता के पीछे किसी लड़की का हाथ होता है,
इस कहावत को prove कर के दिखायेगा! (we bachelors also need this lucky hand)
फिर कोई दीपक शादी कर के Indonesia चला जायेगा
लेकिन news.com के से वो कैसे बच पायेगा,
फिर फ़ोन से सॉरी बोलेगा और अपना गुनाह बताएगा
वापस आ कर मार खाने का वादा निभाएगा !
आने वाले साल में JD भैया का है ब्याह होना
दिल्ली की होंगी भाभीजी ऐसा कुछ संजोग बना,
इश्वर खुशियाँ दे उनको, और उन्हें धनवान बना
सब कुछ मिले उन्हें जीवन में उनका हर दिन खुशहाल बना!
श्रीकांत मुख़र्जी भी नौकरी पा के निकल गये
शादी कर के दादा, सब से ना जाने क्यूँ मुकर गए,
नया साल उन्हें खुशियाँ दे, और समृधि दे
और उन्हें दे वो सब कुछ जिसे पा कर वो खुश रहें!
फिर कुछ लोग BHU के Geology Department में आयेंगे
और फिर पढ़ लिख कर अच्छा placement पाएंगे,
फिर V.T. पे जा कर cold coffee हवा में उड़ायेंगे
ढेरों खुशियों के साथ cold coffee से नहायेंगे!
कुछ ऐसे भी होंगे जो तब भी रह जायेंगे
लेकिन दिल छोटा करने से वो कुछ नहीं पाएंगे ,
क्यूँ की वो BHU के इतिहास को फिर दोहराएंगे
और थोड़े से इंतज़ार पर पक्का और अच्छा पाएंगे !
तो साल ख़त्म होने को है
दिन ढलने वाला है और अनुभव नाम का ये निशाचर अभी काम पे निकालने वाला है
इश्वर सब अच्छा रखे और वो रखने वाला है
इसी उम्मीद में आज के बाद नववर्ष आने वाला है!
We liked the poem, liked it for some very intimate especial reasons! Felt the nostalgia of alma mater, remebered those ol days, experienced the bond we friends still share.....
If you do have felt such, do share....do comment....:-)
On the very last day of the Year 2009, we, all the guys of M.Sc.-Geology Batch 2006-08 of BHU, received this mail from one of our classmate, who tried to express everything happened with the Batch people poetically! He's not a learnt/proven/acclaimed poet, but he did touched our souls! It may not carry any value to anyone, but for our Batch....it did some magic! Magic of Nostalgia!
So, I thought to share this precious poem with all my net-mates! With the due help of Google Transliteration, I converted the Hindi-poem scripted in roman, into Devanagari!
खाली दिमाग की खुराफात
जैसे ही कल का सूरज आसमान पर आएगा
बादलों से कूद कर नया साल आ जाएगा,
कुछ नयी कहानी होंगी , कुछ नयी बातें होंगी
और कुछ नयी सौगातें होंगी!
फिर से त्रिवेणी भैया अफ्रीका मैं जायेंगे
और फिर वहीँ से अपनी भोकाल सुनायेंगे,
फिर से होगी वही कहानी अफ्रीका के जंगल की
और इंडिया आकर उसे होटल ताज बताएँगे …
फिर से कोई राहुल नए साल में एक batman बन जायेगा
और कुड़ियों के hostels के दिन रात चक्कर लगाएगा,
कभी कभी कोई लड़की भी गलती से पटायेगा
लेकिन फिर ये प्यार उसे दगा दे temporary ही रह जायेगा!
फिर अनुभव orkut पर एक community बनाएगा
और news.com पर खुद सबसे पहले धरा जायेगा,
कभी गोलगप्पे के पानी में दूध का दूध पक्दायेगा (anubhav kaand, Hyderabad),
और कभी लोगो को जनता की अदालत में पेश किया जायेगा (Krishna Prakaran, bangaluru)!
फिर से कोई विडियो, BHU राजनीती में आयेगा (बहुचरिचित video प्रकरण )
और २-घंटे का video, news में छा जाएगा
आरोप - प्रत्यारोपों का चलेगा सिलसिला,
लेकिन video बनाने वाला ही धरा जायेगा!
याद रहेगा दिन वो भी जब २२-दोस्त थे साथ मिले
खुशियाँ बांटीं मिल के हमने, चेहरे सब के खिले खिले,
रात भर हम साथ में घुमे, लंका पे थे chaye पिए
वो दिन महान convocation का था, ना जाने अब कब मिले!
विनोद भैया ने रचाई शादी, इस साल फिर कुछ रचाएंगे
और लक्की भाभी जी को लेकर अपना करियर मस्त बनाएगा,
हर सफलता के पीछे किसी लड़की का हाथ होता है,
इस कहावत को prove कर के दिखायेगा! (we bachelors also need this lucky hand)
फिर कोई दीपक शादी कर के Indonesia चला जायेगा
लेकिन news.com के से वो कैसे बच पायेगा,
फिर फ़ोन से सॉरी बोलेगा और अपना गुनाह बताएगा
वापस आ कर मार खाने का वादा निभाएगा !
आने वाले साल में JD भैया का है ब्याह होना
दिल्ली की होंगी भाभीजी ऐसा कुछ संजोग बना,
इश्वर खुशियाँ दे उनको, और उन्हें धनवान बना
सब कुछ मिले उन्हें जीवन में उनका हर दिन खुशहाल बना!
श्रीकांत मुख़र्जी भी नौकरी पा के निकल गये
शादी कर के दादा, सब से ना जाने क्यूँ मुकर गए,
नया साल उन्हें खुशियाँ दे, और समृधि दे
और उन्हें दे वो सब कुछ जिसे पा कर वो खुश रहें!
फिर कुछ लोग BHU के Geology Department में आयेंगे
और फिर पढ़ लिख कर अच्छा placement पाएंगे,
फिर V.T. पे जा कर cold coffee हवा में उड़ायेंगे
ढेरों खुशियों के साथ cold coffee से नहायेंगे!
कुछ ऐसे भी होंगे जो तब भी रह जायेंगे
लेकिन दिल छोटा करने से वो कुछ नहीं पाएंगे ,
क्यूँ की वो BHU के इतिहास को फिर दोहराएंगे
और थोड़े से इंतज़ार पर पक्का और अच्छा पाएंगे !
तो साल ख़त्म होने को है
दिन ढलने वाला है और अनुभव नाम का ये निशाचर अभी काम पे निकालने वाला है
इश्वर सब अच्छा रखे और वो रखने वाला है
इसी उम्मीद में आज के बाद नववर्ष आने वाला है!
~अनुभव
We liked the poem, liked it for some very intimate especial reasons! Felt the nostalgia of alma mater, remebered those ol days, experienced the bond we friends still share.....
If you do have felt such, do share....do comment....:-)
hi dear punit, i have nothing to say except a thanks from the deepest part of my heart that u placed my sentiments in the public.....anubhav
ReplyDeletevery good.. touching ma heart..
ReplyDeleteKya baat hai dost....daru peene ke baad logo ko sentimental banane ka accha upay dhunde ho tum...keep up this gud work bcoz in ths fast pace world no one has even time to think of themselves....keep smiling:)@Krishna
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