हम बजाएं हारमोनिया खुश रहने की बीमारी - छोटे शहरों में प्रायः पायी जाती थी, या यूँ कहें अभी भी पायी जाती है. ये बड़ी ही संक्रामक बीमारी होती है. पर समय के साथ कुछ मनुष्यों ने खुशियों के विरूद्ध भी अपनी प्रतिरक्षा (immune) को तगड़ा कर लिया है. खुश रहने की बीमारी - अर्थ एवम विकल्प जितना आसान कहना- सुनना, खाना-पीना, सोना-जागना जैसे कार्य होते हैं, उतना ही आसन खुश रहना भी होता है. या संभवतः ये बीते दिनों की बात है, अब ये उससे कहीं कठिन हो चूका है. देखिये, ज्यादा कुछ करना नहीं होता है इस सुलभ बीमारी से ग्रसित होने के लिए, दुनिया की तरफ दिखिए, मस्ती मारिये, गलतियाँ निकालिए, मजाक करिए, मस्त मुस्कान चेहरे पे लाइए, अन्दर जितना द्वेष भरा है थूक मारिये, गाना गाइए " **** मराये दुनिया, हम बजाएं हारमोनिया " और खुश रहिये. सोच सोच के कोई न पहलवान बना, न धनवान; हालांकि, केवल खुश रह के भी लोगों ने बड़े तीर नहीं मारे - पर इतना तो है की उन्होंने जिंदगी बड़ी ही शानदार तरीके से मस्ती में काटी... मस्त रहो मस्ती में, आग लगे बस्ती में अब जरा उन विकल्पों पे गौर करने कोशिश करते
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